विधा, ज्ञान और शिक्षा एक दूसरे के पूरक एवं भिन्न:- अभिषेक़ कुमार

विधा, ज्ञान और शिक्षा एक दूसरे के पूरक एवं भिन्न:- अभिषेक़ कुमार

विधा, ज्ञान और शिक्षा ये तीनो सामान्य दृष्टिकोण से एक ही प्रतीत होते हैं परंतु वास्तव में ये तीनों एक दूसरे के दिव्यात्मक पूरक एवं भिन्न है। 
शिक्षा की एक प्रणाली के माध्यम से पढ़-लिख, अभ्यास कर जब कोई किसी एक या कई विषय-वस्तुओं में पारंगत होता है तो उसे विधा कहते हैं।
सात्विक ज्ञान आत्मा की शुद्ध आवाज एवं सकारात्मक प्रेरणा है। ठीक इसके विपरीत खुराफाती एवं अनैतिक ज्ञान यह हिर्दयस्थ छुपे शत्रुओं की उत्प्रेरणा है जिनको विवेक रूपी हथौड़े मार के ठीक करना है।
और शिक्षा तो भौतिक जगत में एक प्रणाली, साधन है मन मस्तिष्क में पेवस्त करके बुद्धि को चतुर्य बनाने का जिसका आधार है विधा और ज्ञान।

विधा, ज्ञान, और शिक्षा में यदि तुलना की जाय तो इन तीनो में से ज्ञान श्रेष्ठतम है। वास्तव में ज्ञान ही शक्ति है, ज्ञान ही चेतना है, ज्ञान ही हौसला, उमंग, उत्साह एवं स्फूर्ति है। ज्ञान ही अंधेरे से प्रस्फुटित प्रकाशमयी उजाले की ओर अग्रसारित करने का पराक्रम है।
शास्त्र कहते है- ईश्वर कृपा बिन गुरु नहीं, गुरु नहीं बिना ज्ञान, ज्ञान बिना आत्मा नहीं गवई वेद-पुराण अर्थात बाल्यकाल में प्राथमिक पथसंचलन में माता-पिता से प्राप्त नियम अनुशासन का ज्ञान हो या शिक्षणकाल के समय गुरु जी से प्राप्त अनमोल ज्ञान हो या जीवनकाल के किसी मोड़ पर राही-बटोही से प्राप्त अद्भुत ज्ञान यह सब एक शिक्षण प्रणाली के माध्यम से ही किसी एक या अनेक विधाओं में पारंगत करते है जो व्यवहारिक एवं सांसारिक जीवन के लिए अतिमहत्वपूर्ण है एवं परलोक सुधारने का भी अवसर प्रदान करता है।
अतः हम सभी को अपने भीतर विधा, ज्ञान और शिक्षा की अलख जगाना चाहिए तथा इन तीनो के प्रति संवेदनशील रहना चाहिए, चाहे जहाँ से मिले, जैसे मिले या जिससे मिले ग्रहण करना चाहिये। विधा, ज्ञान और शिक्षा प्रदान करने वाले उनके व्यक्तिगत गुण-दोष को देखे बैग़ैर उनके सीधा वक्तव्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए तथा धर्म और न्यायोचित  विवेक के कसौटी पर कसते हुए समुचित लाभ लेना चाहिए।

🖋️ *अभिषेक़ कुमार*
कलम के जादूगर, अंतरराष्ट्रीय समाज सेवा अवार्ड से सम्मानित, विख्यात हिंदी साहित्यकार सह ब्लॉक मिशन प्रबंधक NRLM उत्तर प्रदेश सरकार
ठेकमा, आजमगढ़, उत्तर प्रदेश
www.dpkavishek.in

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