14 फरवरी के दिन मातृ-पितृ पूजन संस्कार दिवस मनाएं:- अभिषेक़ कुमार
14 फरवरी के दिन मातृ-पितृ पूजन संस्कार दिवस मनाएं:- अभिषेक़ कुमार
🖋️ *अभिषेक़ कुमार*
अंतरराष्ट्रीय समाज सेवा अवार्ड से सम्मानित, हिंदी साहित्यकार
ठेकमा, आजमगढ़
www.dpkavishek.in
अच्छे संस्कार एक सशक्त मजबूत राष्ट्र की आधारशिला है। संस्कार की नौका पर सवार होकर बीच भवंर में भयंकर तूफानों से सामना कर सहजतापूर्ण मझधार तक पहुंचा जा सकता है। नियम, अनुशासन और संस्कार ये तीनो में गहरा संबंध है और किसी भी व्यक्ति, समाज एवं राष्ट्र के लिए ये तीनों अत्यंत महत्वपूर्ण है। नियम निर्धारित मर्यादाओं से बंधा है जिस पर सवार होकर व्यक्ति अनुशासन के सीढी पर चढ़ता है और अनुशासन ही व्यक्ति को अच्छे संस्कार की ओर पहुँचा देते है तदुपरांत व्यक्ति से समाज और समाज से एक सशक्त मजबूत राष्ट्र का निर्माण होता है।
वर्तमान समय में अनैतिक अमर्यादित प्रेम संबंधों का खुलेआम इजहार का प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ा है जिसका जीता जागता उदाहरण है प्रत्येक वर्ष 14 फरवरी को मनाए जाने वाले वेलेंटाइन डे, इस दिन पार्को में, चिन्हित सार्वजनिक स्थलों पर कुवांरे लड़के-लड़कियाँ प्यार के इजहार करते खुलेआम देखे जा सकते हैं जो यह हमारी सत्य सनातन भारतीय सभ्यता संस्कृति के रीति-रिवाज नहीं है इसको त्यागना ही मानवोचित एवं धर्मसंगत है। इस दिन क्यों न मातृ-पितृ पूजन संस्कार दिवस मनाया जाए..? क्यों कि कई विद्वानों का मत है अच्छे संस्कार एवं शुद्ध माता-पिता से ही एक मजबूत बालक का जन्म होता है।
भारत के प्रत्येक युवा-युवतियों को सत्कर्म शास्त्रों में बताएं गए धर्म मर्यादा, नियम के अनुसार आचरण करना चाहिए तथा अनैतिक कार्य, अश्लीलता से कोषों दूर रहना चाहिए। आजकल शहरों के कुछ पार्क में लड़के-लड़कियों के एक साथ अश्लील हरकतें खुलेआम देखा जा सकता है तथा 14 फरवरी के दिन वेलेंटाइन डे प्रेमी-प्रेमिका जो हर्षो उल्लास से मना रहे हैं और इस दिन विशेष प्रोत्साहन के झाँसे में आकर कई लड़कियां अपने धर्म मर्यादा से विचलित हो जाती है।
कई धर्म विरुद्ध कामवासना के पूर्ति से अनचाहे गर्भ का शिकार हो जाती है फिर बाद में गर्भपात आदि का नौबत होता है। और कइयों प्रेमी-प्रेमिकाओं के साथ कई प्रकार के अनैतिक घटनाऍं घट जाती है। यह क्रियाकलाप समाज को खोखला बनाएगी, हमे यह ज्ञात होना चाहिए कि विशिष्ट लक्षण, असाधारण प्रतिभा, ओजस्वी, तेजस्वी संतान और यदि भगवान या उनके दूतों का जन्म लेना होगा तो एक शुद्ध माँ के गर्भ की जरूरत पड़ेगी।
इसे अपने देश में कतई बढ़ावा नहीं मिलना चाहिए तथा ऐसे कृत्यों को समर्थन करने वाले पार्को, स्थानों को तुरंत बंद कराना चाहिए और ऐसे घृणित कार्य करने वाले प्रेमी-प्रेमिकाओं को पकड़ रोक लगाना चाहिए।
अपने देश के युवा-युवतियों उच्च शिक्षा पर विशेष बल देना चाहिए जिसके फलस्वरूप भविष्य में वो समाज के काम आ सके तथा अन्य देशों के समान नित्य नवीन आविष्कारी बुद्धि की ओर अग्रसर होना चाहिए और अपनी खोज एवं रचना को पेटेंट, कॉपीराइट कराना चाहिए जिससे आने वाला भविष्य उनका स्मरण करके गौरान्वित महसूस कर सके।
माता पिता ही संतान में संस्कार उतपन्न करते है और 14 फरवरी को प्रेम दिवस मनाने वाले उसी संस्कार को तिरस्कृत करते है।
ReplyDeleteमातृ पिता पूजन दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं
बहुत अच्छा आपका संदेश है।
Deleteआप www.dpkavishek.in पर हमसे जुड़े वाले पेज में जा कर दिव्य प्रेरक कहानियाँ से जुड़ सकते है।
बहुत ही सुन्दर विचार
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