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मत के दान से व्यक्ति एवं लोकतंत्र दोनों मजबूत

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मत के दान से व्यक्ति एवं लोकतंत्र दोनों मजबूत अभिषेक कुमार ब्लॉक मिशन प्रबंधक NRLM (आजमगढ़) ग्राम्य विकास विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार सह हिंदी साहित्यकार सामुदाय सेवी व प्रकृति प्रेमी www.dpkavishek.in उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के मध्यनजर आजमगढ़ के ब्लॉक मिशन प्रबंधक अभिषेक कुमार ने कहा है कि मतदान की अगर संधिविच्छेद किया जाए तो मत+दान= मतदान अर्थात मत का दान। दान से आत्मा की शुद्धि होती है। दान से परोपकार, पूण्य की प्राप्ति होती है। दान से इस लोक एवं परलोक दोनों संवर जाते है। दान सभी धर्म-सम्प्रदायों का मूल सार है। निस्वार्थ भाव से किया गया दान उत्तम कर्म है, वहीं एक किया हुआ दान से समयोपरांत हज़ारो प्रतिफल प्राप्त होते है। दान की महिमा तो अपरम्पार है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और लोकतंत्र के खूबसूरती एवं आधारशिला है मतदान। इस देश में अपने पसंद के नेता एवं सरकार चुनने की आजादी है, यदि हम अपने मत का सही दिशा में अपने विवेकानुसार सत्य का पहचान कर प्रयोग करेंगें तो निश्चित ही एक मजबूत समाज एवं राष्ट्र की निर्माण होगी जो हमें बिभिन्न क्षेत्रों में परिप्लावित करेगी। अतः लोकतांत्

20 मार्च 2022 को विश्व शांति कबीर अवार्ड से सम्मानित होंगें अभिषेक़ कुमार

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20 मार्च 2022 को विश्व शांति कबीर अवार्ड से सम्मानित होंगें अभिषेक़ कुमार सहित्यकारिता, पर्यावरण एवं समाज सेवा में विशिष्ट अमिट पहचान बना चुके आजमगढ़ के ब्लॉक मिशन प्रबंधक अभिषेक़ कुमार को आगामी 20 मार्च 2022 को कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, संसद मार्ग एरिया नई दिल्ली में कबीर मठ भारत, सतगुरु कबीर आश्रम सेवा संस्थान बड़ी खाटू राजस्थान और टी बोर्ड इंडिया भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान के आयोजित कार्यक्रम में विश्व शांति कबीर अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में पूरे देश के कोने-कोने से सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, नशा मुक्ति के क्षेत्रों में 50 ऐसे होनहार विशिष्ट कार्य सामर्थ्य से जनमानस में बदलाव, ऊर्जा एवं नवीन संचेतना से परिपूर्ण करने वाले उच्च कोटि प्रतिभा के धनी व्यक्तियों को यह सम्मान दिया जाना है।  ज्ञात हो कि सद्गुरु कबीर जी के इस 504वां महापरिनिर्वाण महोत्सव कार्यक्रम के उपलक्ष्य में राजस्थान के माननीय मुख्य मंत्री, मध्य प्रदेश, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, एवं महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल महोदय तथा पूर्व राज्यपाल महोदया उत्तराखंड माननीय बेबीरानी मौर्य

14 फरवरी के दिन मातृ-पितृ पूजन संस्कार दिवस मनाएं:- अभिषेक़ कुमार

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14 फरवरी के दिन मातृ-पितृ पूजन संस्कार दिवस मनाएं:- अभिषेक़ कुमार 🖋️ *अभिषेक़ कुमार* अंतरराष्ट्रीय समाज सेवा अवार्ड से सम्मानित, हिंदी साहित्यकार ठेकमा, आजमगढ़ www.dpkavishek.in      अच्छे संस्कार एक सशक्त मजबूत राष्ट्र की आधारशिला है। संस्कार की नौका पर सवार होकर बीच भवंर में भयंकर तूफानों से सामना कर सहजतापूर्ण मझधार तक पहुंचा जा सकता है। नियम, अनुशासन और संस्कार ये तीनो में गहरा संबंध है और किसी भी व्यक्ति, समाज एवं राष्ट्र के लिए ये तीनों अत्यंत महत्वपूर्ण है। नियम निर्धारित मर्यादाओं से बंधा है जिस पर सवार होकर व्यक्ति अनुशासन के सीढी पर चढ़ता है और अनुशासन ही व्यक्ति को अच्छे संस्कार की ओर पहुँचा देते है तदुपरांत व्यक्ति से समाज और समाज से एक सशक्त मजबूत राष्ट्र का निर्माण होता है। वर्तमान समय में अनैतिक अमर्यादित प्रेम संबंधों का खुलेआम इजहार का प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ा है जिसका जीता जागता उदाहरण है प्रत्येक वर्ष 14 फरवरी को मनाए जाने वाले वेलेंटाइन डे, इस दिन पार्को में, चिन्हित सार्वजनिक स्थलों पर कुवांरे लड़के-लड़कियाँ प्यार के इजहार करते खुलेआम देखे जा सकते हैं जो यह ह

कर्मचारियों के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार देश हित में।

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कर्मचारियों के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार देश हित में।      किसी भी देश के सरकार द्वारा लोक कल्याणकारी योजनाओं के संचालन, क्रियान्वयन का मुख्य जिम्मेदारी बिभिन्न प्रकार के श्रेणीगत कर्मचारियों का होता है। कर्मचारियों के बीच कभी-कभी किसी पहलुओं के लेके नाराजगी होना स्वाभाविक है ऐसे में यदि सरकार और इन श्रेणीगत कर्मचारियों के बीच अच्छे ताल मेल का नतीजा है परिणाम शत प्रतिशत लगू होना। किसी भी योजनाओं को मूर्त रूप देने में सत्य, सौहार्द, आपसी एकता, ईमानदारी और निष्ठा बहुत जरूरी है। कर्मचारियों के कार्यो के एवज में जो उनका उचित पारिश्रमिक है उसके हितों को नजरअंदाज करने से सीधा प्रभाव योजनाओं के उद्धस्यों एवं पूर्ति पर पड़ती है। इसलिये समय-समय पर महंगाई वृद्धि के मध्यनजर प्रशिक्षित कर उनका आकलन के फलस्वरूप वेतन-भत्ते में वृद्धि करना उन कर्मचारियों के हित में भी है तथा संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन के अच्छे परिणाम से देश हित में भी है। आजकल कई कार्यालयों, संस्थानों में आपसी बिभिन्न श्रेणीगत कर्मचारियों के बीच खूब ताना-तानी का माहौल है समरूप पोस्ट वाले में भी एक दूसरे से श्रेष्ठता काब

विधा, ज्ञान और शिक्षा एक दूसरे के पूरक एवं भिन्न:- अभिषेक़ कुमार

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विधा, ज्ञान और शिक्षा एक दूसरे के पूरक एवं भिन्न:- अभिषेक़ कुमार विधा, ज्ञान और शिक्षा ये तीनो सामान्य दृष्टिकोण से एक ही प्रतीत होते हैं परंतु वास्तव में ये तीनों एक दूसरे के दिव्यात्मक पूरक एवं भिन्न है।  शिक्षा की एक प्रणाली के माध्यम से पढ़-लिख, अभ्यास कर जब कोई किसी एक या कई विषय-वस्तुओं में पारंगत होता है तो उसे विधा कहते हैं। सात्विक ज्ञान आत्मा की शुद्ध आवाज एवं सकारात्मक प्रेरणा है। ठीक इसके विपरीत खुराफाती एवं अनैतिक ज्ञान यह हिर्दयस्थ छुपे शत्रुओं की उत्प्रेरणा है जिनको विवेक रूपी हथौड़े मार के ठीक करना है। और शिक्षा तो भौतिक जगत में एक प्रणाली, साधन है मन मस्तिष्क में पेवस्त करके बुद्धि को चतुर्य बनाने का जिसका आधार है विधा और ज्ञान। विधा, ज्ञान, और शिक्षा में यदि तुलना की जाय तो इन तीनो में से ज्ञान श्रेष्ठतम है। वास्तव में ज्ञान ही शक्ति है, ज्ञान ही चेतना है, ज्ञान ही हौसला, उमंग, उत्साह एवं स्फूर्ति है। ज्ञान ही अंधेरे से प्रस्फुटित प्रकाशमयी उजाले की ओर अग्रसारित करने का पराक्रम है। शास्त्र कहते है- ईश्वर कृपा बिन गुरु नहीं, गुरु नहीं बिना ज्ञान, ज्ञान बिना आत

जय श्री राम

हरि ॐ